महिला क्रिकेट के फाइनल में जीत के मुहाने पर खड़ी भारतीय टीम महज नौ रनों के अंतर से हार गई. बावजूद इसके, कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार शामिल हुई भारतीय महिला क्रिकेट टीम सबका दिल जीतने में कामयाब रही. रजत पदक से संतोष करने वाली भारतीय महिला टीम की स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा और पूजा वस्त्रकार ने अगर थोड़ी बेहतर बल्लेबाजी की होती तो शायद भारत के पास भी गोल्ड आ सकता था. उधर, भारत के पुरुष क्रिकेटर्स ने वेस्टइंडीज का सफल दौरा समाप्त कर लिया है. भारत ने तीन वनडे की सीरीज 3-0 और पांच टी-20 मैचों की श्रृंखला 4-1 से जीती है. वहीं, बीसीसीआई ने इस महीने के अंत में होने वाले एशिया कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है. विराट कोहली और लोकेश राहुल- दोनों की वापसी हुई है जबकि रोहित शर्मा कप्तान बने रहेंगे. साथ ही, भारतीय टीम जल्द ही अपने जिम्बाब्वे दौरे के लिए रवाना होने वाली है.
सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों पर आधारित इस पॉडकास्ट ‘सुनो दिल से’ के साथ स्वीकार कीजिए संजय बैनर्जी का नमस्कार.
महिला क्रिकेट कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार शामिल हुआ और इसके लिए हुई प्रतिस्पर्धा ने सबका दिल जीत लिया. भारतीय खिलाड़ियों ने पांच दर्जन से ज्यादा पदक जीते. इसमें एक रजत पदक महिला क्रिकेट का भी शामिल है. फाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय महिला क्रिकेट टीम एक समय बिल्कुल जीत के करीब थी, लेकिन सिर्फ नौ रन की हार ने उम्मीदों को नेस्तनाबूत कर दिया.
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अर्धशतक जमाकर पूरी कोशिश की, पर उनके आउट होने के बाद मिडिल आर्डर और टेलएंडर्स ने अपने विकेट गंवाकर स्वर्ण पदक से टीम इंडिया को दूर कर दिया. शायद हरमन जिस फॉर्म मे थीं, गैर जिम्मेदाराना शॉट नहीं खेलतीं, तो भारत का गोल्ड पक्का था. बहरहाल यही अनिश्चितताएं क्रिकेट को इतना लोकप्रिय बनाती हैं. इन खेलों में सिर्फ आस्ट्रेलिया ही एकमात्र टीम थी, जिसने सभी मैच जीते और साथ ही भारत को दो बार हराया.
भारतीय टीम की किसी बड़ी प्रतियोगिता में यह पहली शिकस्त नहीं थी. लेकिन जिस तरह से यह टीम अपने मैच गंवा रही है, उससे लगता है कि कहीं चोकर्स का टैग इसे ही न मिल जाए. कभी दक्षिण अफ्रीका की पुरुष टीम के नाम चोकर्स का टैग लगता था, क्योंकि वे नॉकआउट और महत्वपूर्ण मैचों में अक्सर हार जाते थे. कामॅनवेल्थ गेम्स के फाइनल से पहले भारतीय टीम 2017 के वनडे वर्ल्ड कप और 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भी हार चुकी है.
इस बार भी बर्मिंघम में भारतीय बैटर्स अपना धैर्य खोती दिखाई दी हैं. इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत को 4 रन से जीत दिलाई. इसके बाद, इन्हीं गेंदबाजों ने फाइनल में आस्ट्रेलिया को अपेक्षाकृत थोड़ा कम स्कोर पर रोका था. वह तो बेथ मूनी थी, जिन्होंने अर्धशतक जमाकर लड़ने लायक स्कोर खड़ा कर दिया था, वरना कंगारुओं का स्कोर 140 से भी नीचे होता. ऐसे में सारी जिम्मेदारी भारतीय बैटरों पर थी, पर जेमिमा रोड्रिग्ज और हरमनप्रीत को छोड़कर कोई भी 13 रन से आगे नहीं जा सकी. फाइनल में इस तरह की बल्लेबाजी होगी तो हार तय है.
भारत के पास एक से बढ़कर एक बैटर हैं. स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा और पूजा वस्त्रकार ने अगर थोड़ी बेहतर बल्लेबाजी की होती तो शायद भारत के पास गोल्ड आ सकता था. वैसे फाइनल में भारतीय फील्डिंग ने गजब का प्रदर्शन दिखाया. न केवल डायरेक्ट थ्रो पर रनआउट किए, बल्कि शानदार स्टंपिंग का नजारा भी देखने को मिला. जो भी हो, इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट की लोकप्रियता ने ओलंपिक खेलों में भी क्रिकेट को शामिल करने का दावा मजबूत कर दिया है. 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में अगर क्रिकेट शामिल हो जाए, तो हैरत नहीं होगी.
वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने जीती टी-20 सीरीज
उधर, भारत के पुरुष क्रिकेटर्स ने वेस्टइंडीज का सफल दौरा समाप्त कर लिया है. भारत ने तीन वनडे की सीरीज 3-0 और पांच टी-20 मैचों की श्रृंखला 4-1 से जीती है. टी-20 सीरीज के अंतिम दोनों मैच अमेरिका के फ्लोरिडा के लौडरहिल में खेले गए और उम्मीद के मुताबिक भारत ने दोनों मैच जीत लिए. दूसरे टी-20 मैच में जरूर भारतीय टीम हार गई थी, लेकिन पूरी सीरीज में भारत ने अपना दबदबा बनाए रखा.
सीरीज के आखिरी हिस्से में जिस तरह से श्रेयस अय्यर और दीपक हुड्डा ने प्रदर्शन किया, उससे सेलेक्टर्स की दुविधा थोड़ी बढ़ गई है. भारतीय बल्लेबाजी की गहराई के बीच अब इन दोनों ने भी अपना दावा ठोका है. ईशान किशन को आखिरकर अंतिम मैच में मौका मिला, पर वह विफल रहे. लेकिन दूसरे ओपनर श्रेयस अय्यर ने अर्धशतक जमाकर ओपनर के रूप में फिर से विकल्प दिया है. सूर्यकुमार यादव को आराम मिलने के कारण अय्यर ने मिले मौके का पूरा फायदा उठाया. साथ ही नंबर तीन पर दीपक हुड्डा ने उपयोगी बल्लेबाजी कर टीम के स्कोर में योगदान किया.
भारत को इस साल टी-20 वर्ल्ड कप खेलना है और ऐसे में हर कोई मिले आउकोण को भुनाना चाहेगा. पांचवें मैच को ही लीजिए-अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के तीन-तीन विकेट और साथ ही रवि बिश्नोई ने चार विकेट निकाल लिए. टी-20 क्रिकेट में यह पहला मौका है जब पारी के सभी 10 विकेट स्पिनर्स के हिस्से आए.
वैसे सीरीज में गजब का प्रदर्शन किया है अर्शदीप सिंह ने. तेज गेंदबाजों में भुवी और शमी के रहते इस खिलाड़ी को अगर लगातार बेहतर प्रदर्शन करने के कारण प्रशंसा मिल रही है तो, यह भविष्य के लिए अच्छी बात है. पांच मैचों में सात विकेट लेना बड़ी बात नहीं दिखती, पर जिस तरह से उन्होंने केरेबियन बल्लेबाजों को बांधकर रखा वह काबिलेतारीफ है. अर्शदीप को मैन ऑफ द सीरीज का भी अवार्ड मिला है.
इन नामों के बीच अक्षर पटेल को नहीं भूलना चाहिए जो हमेशा से अंडर रेटेड रहे हैं. बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में वह टीम इंडिया को जीत दिलाने वाले कारनामे करते रहे हैं. पांचवें मैच में भी उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजी में पारी की शुरुआत करते हुए तीन विकेट लिए, उससे वेस्टइंडीज को केवल 100 रन पर समेटने में उनकी बड़ी भूमिका रही. इस कारण उनको मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था.
एक अन्य तेज गेंदबाज आवेश खान ने भी वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया. वैसे भारत के पास कई बेहतरीन सीमर हैं, जिनके बीच खुद को बनाये रखने के लिए आवेश को और मेहनत की जरूरत है. कुल मिलाकर वनडे में शिखर धवन की कप्तानी हो या फिर टी-20 में रोहित शर्मा की कैप्टेंसी, दोनों ने प्रभावित किया.
एशिया कप के लिए हुए भारतीय टीम की घोषणा
इस बीच, बीसीसीआई ने इस महीने के अंत में होने वाले एशिया कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है. विराट कोहली और लोकेश राहुल- दोनों की वापसी हुई है, जबकि रोहित शर्मा कप्तान बने रहेंगे. श्रीलंका में खराब हालात के कारण एशिया कप यूएई के दुबई और शारजाह में हो रहा है. जसप्रीत बुमराह पीठ में चोट के कारण टीम में नहीं हैं. इसी तरह हर्षल पटेल भी टीम में नहीं हैं, क्योंकि वह भी पसली की चोट से जूझ रहे हैं. लेकिन जिस प्रमुख खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं मिली, उसमें श्रेयस अय्यर का नाम शामिल है.
एशिया कप के लिए भारतीय टीम में विकेटकीपर के रूप में ऋषभ पंत के अलावा दिनेश कार्तिक को शामिल किया गया है. सूर्य कुमार यादव, दीपक हुड्डा और हार्दिक पंड्या मध्यक्रम में बड़े नाम हैं. साथ ही तेज गेंदबाज के रूप में भुवनेश्वर के साथ अर्शदीप सिंह और आवेश खान भी टीम के साथ जाएंगे. एक अन्य तेज गेंदबाज दीपक चहर भी रिजर्व की सूची में शामिल हैं, जो मांसपेशियों में खिंचाव और पीठ में चोट के कारण चार महीने से टीम से बाहर थे.
भारत के लिए 1984 से 1996 के बीच खेलने वाले मनोज प्रभाकर अब नेपाल के कोच होंगे. प्रभाकर को पुबुदू दसानायके की जगह कोच बनाया गया है जो अब कनाडा के कोच होंगे. मनोज प्रभाकर 2008 में चैंपियन बनने वाली दिल्ली की रणजी टीम के गेंदबाजी कोच और 2016 में अफगानिस्तान के बॉलिंग कोच रह चुके हैं.
भारतीय टीम का जिम्बाब्वे दौरा…
और अंत में भारत का जिम्बाब्वे दौरा. भारतीय टीम इस महीने 18, 20 और 22 तारीख को जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलने के लिए रवाना होने वाली है. इस बीच के एल राहुल को फिट होने के बाद टीम का कप्तान बना दिया गया है, जबकि शिखर धवन अब उपकप्तान होंगे. इस टीम के कप्तान शिखर धवन होंगे.
रुतुराज गायकवाड, शुभमन गिल और बिल्कुल नये राहुल त्रिपाठी के अलावा दीपक हुड्डा, ईशान किशन और संजू सैमसन की बदौलत भारत बड़ा टोटल खड़ा करने की कोशिश करेगा. टीम में वाशिंगटन सुंदर और दीपक चहर भी हैं. इसके अलावा, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, कुलदीप यादव, आवेश खान, प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज को भी अपने प्रदर्शन से सेलेक्टर्स को प्रभावित करने का मौका है.
दो दिन पहले ही जिम्बाब्वे ने बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज 2-1 से जीती है. उसने टी-20 सीरीज भी इसी अंतर से जीती थी. जिम्बाब्वे के कप्तान रेगिस चकाब्वे टीम के फॉर्म को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे.
वैसे भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ आखिरी दोनों सीरीज उन्हीं की धरती पर 2015 और 2016 में खेली थी और दोनों बार भारत ने सीरीज 3-0 के एकतरफा फासले से जीती थी. तो यह था सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों पर आधारित पॉडकास्ट- सुनो दिल से. संजय बैनर्जी को अगले सप्ताह तक अनुमति दीजिए, नमस्कार.