नई दिल्ली. खेल या हो जिंदगी. यहां इत्तफाक गजब के होते हैं. अब भारत के दो दिग्गजों विराट कोहली और रोहित शर्मा को ही ले लीजिए. कसम से! इनके भी गजब इत्तफाक हैं. अंडर-19 टीम इंडिया में रोहित शर्मा को पहले जगह मिली. लेकिन इस टीम को वर्ल्ड चैंपियन विराट ने बनाया. जूनियर टीम की तरह सीनियर टीम में भी रोहित को ही पहले एंट्री मिली. रोहित जब 2007 में धोनी की अगुवाई में टी20 वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब विराट टीवी पर उनका खेल देखकर हैरान हो रहे थे. कौन जाने, ईर्ष्या भी हो रही हो? एक साल के भीतर ही किस्मत ने पलटी मारी और विराट अंदर, रोहित बाहर. साल 2011 में विराट वनडे विश्व कप की ट्रॉफी लिए स्टेडियम का चक्कर लगा रहे थे और रोहित बाहर ताली बजा रहे थे. आज एक कप्तान है, दूसरा पूर्व कप्तान. दोनों के करियर का यह इत्तफाक 2007 से होता हुआ 2022 तक आ पहुंचा है. इन इत्तफाक की लंबी फेहरिश्त है. फिलहाल पुरानी बातों को छोड़ नई पर आते हैं.
शुरुआत करते हैं उस फैक्ट से जो हेडलाइन में ही दर्ज है. विराट कोहली 2282 रन और रोहित शर्मा 2282 रन… अगर आपके मन में भी यह सवाल आ रहा है कि यह कहां का आंकड़ा है और किस बराबरी की बात की जा रही है तो उसका जवाब आगे है. यह आंकड़ा 1 जनवरी 2020 से अब तक खेले गए इंटरनेशनल मैचों का है, जिनमें विराट और रोहित ने एक बराबर रन बनाए हैं. है ना गजब! क्या आपको इससे पहले का ऐसा कोई वाकया याद आता है कि जब उस दौर के दो दिग्गजों ने ढाई-तीन साल तक लगातार खेलने के बावजूद एक बराबर रन बनाया हो?
वैसे, विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के एक बराबर रन बनाने का यह पहला इत्तफाक भी नहीं है. टी20 इंटरनेशनल मैचों में ऐसा पहले भी हो चुका है. दिसंबर 2019 में एक वक्त ऐसा आया था, जब दोनों के टी20 इंटरनेशनल करियर में एक बराबर 2633-2633 रन दर्ज थे. करिश्मा देखिए कि जब विराट और रोहित के नाम 2633 T20I रन दर्ज थे, तब यह इस फॉर्मेट में सबसे अधिक रन का विश्व रिकॉर्ड भी था. क्रिकेट इतिहास में संभवत: वह पहला मौका था जब दुनिया में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड किसी एक खिलाड़ी नहीं, दो खिलाड़ियों के नाम दर्ज था.
बहरहाल, हम अपनी मूल खबर की ओर लौटते हैं. तो बात यह है कि विराट और रोहित ने 1 जनवरी 2020 से आज तक खेल गए मैचों में एक बराबर 2282 रन बनाए हैं. उन्होंने इसके लिए कितने मैच खेले? औसत क्या है? शतक किसने ज्यादा बनाए? स्ट्राइक रेट में कौन आगे है? इन फैक्ट्स पर जाने से पहले कुछ बात हालात की. आज हालात यह है कि तकरीबन 32 महीने में एक बराबर रन बनाने के बाद एक खिलाड़ी को जहां बोझ सा समझ लिया गया है. वहीं, दूसरे से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि वह देश को फिर विश्व चैंपियन बनाएगा. और हां, दोनों खिलाड़ियों से अगर अलग-अलग उम्मीद की जा रही है तो इसके पीछे किसी साजिश को ढूंढ़ने की कोशिश मत कीजिएगा.
बराबर रन तो बस आंकड़े हैं. जिस किसी ने भी सिर्फ आंकड़ों में खेल देखने की कोशिश की, उसने धोखा खाया है. क्रिकेट या कोई और खेल, आंकड़ों की बाजीगरी नहीं है. क्रिकेट को दिलोदिमाग से फॉलो करने वाले जानते हैं कि रन कितने बने, इसकी कीमत तो इस बात पर तय होती है कि रन बनाए कैसे गए, किन हालात में बनाए गए, कितनी बॉल पर बनाए गए, कितने दबाव में बनाए गए, किस स्ट्राइक रेट से बनाए गए, किस टीम और किस गेंदबाज के खिलाफ बनाए गए, किस मैदान पर बनाए गए…
और एक बात. खेल सिर्फ मैदान पर नहीं होता है. मैदान के बाहर भी एक खेल होता है. मैदान के बाहर का खेल तब तक निष्प्रभावी होता है, जब तक भीतर का खेल दमदार होता है. भीतर का खेल खराब तो किस्मत बाहर तय होने लगती है. एक वक्त था, जब विराट औसतन हर 7-8वें मैच में शतक बनाते थे. खेल अर्श पर था तो टशन भी वैसा ही. अपने पर आ गए तो सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण के पसंदीदा कोच को टीम में एंट्री नहीं करने दी. उसे ही कोच बनने दिया, जो उन्हें पसंद था. तब कोहली को क्या मालूम रहा होगा कि यही सौरव गांगुली एक दिन बीसीसीआई के अध्यक्ष बन जाएंगे. क्रिकेट का खेल कब करवट बदल दे, कोई नहीं जानता. समय बीता. दिसंबर 2019 से कोहली के खेल में गिरावट आने लगी. इधर, दादा की दादागिरी बढ़ रही थी. साल 2021 में हम सबने देखा कि कैसे विराट कोहली की कप्तानी छोड़ने या छीने जाने पर विवाद हुआ. इस मामले में जो बयानबाजी सामने आई, उससे साफ था कि विराट कोहली और सौरव गांगुली नॉर्थ और साउथ पोल पर खड़े थे.
खैर, मैदान के भीतर लौटते हैं. फिलहाल फैक्ट यह है कि विराट कोहली ने 1 जनवरी 2020 के बाद से अब तक 62 मैच खेले हैं और इनमें 33.55 की औसत से 2282 रन बनाए हैं. वे इस दौरान एक भी शतक नहीं लगा सके. पर 21 अर्धशतक जरूर अपने नाम करने में कामयाब रहे. रोहित शर्मा ने इसी दौरान 53 मैच खेले और 38.67 की औसत से 2282 रन बनाए. इसमें 3 शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं. यहां यह बात साफ कर दें कि ये आंकड़े इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के हैं, किसी एक फॉर्मेट के नहीं.
जाहिर है कि विराट और रोहित के ना सिर्फ रन बराबर हैं, बल्कि औसत के मामले में भी दोनों आसपास ही हैं. विराट के शतक के खाते में भले ही शून्य दर्ज हो, लेकिन अर्धशतक 21 हैं. अगर 50 रन से अधिक की पारी की बात की जाए तो वे रोहित से आगे ही दिखते हैं. हालांकि, रोहित ने इस दौरान 3 शतक लगाए हैं और यह बात उनके पक्ष में जाती है. रोहित ना सिर्फ वनडे और टी20 मैचों में ओपन करते हैं, बल्कि टेस्ट मैचों में भी विरोधी टीम का पहला हमला वे ही झेलते हैं. विराट ने लंबे समय तक टीम की कप्तानी की और टेस्ट क्रिकेट में कई यादगार जीत दिलाई, लेकिन वनडे और टी20 क्रिकेट में खिताब ना जीत पाना उनकी कमी रही. वहीं, रोहित का कप्तानी का लाजवाब रिकॉर्ड है. वे भारत को एशिया कप जिता चुके हैं. इसलिए अगर प्रशंसक रोहित से वर्ल्ड कप की उम्मीद लगाए हैं, तो उसकी एक वजह है और वह जायज भी है. हां, जिस किसी ने भी इस क्रम में विराट कोहली को टीम इंडिया का बोझ बताने की कोशिश की या उन्हें टीम से ड्रॉप करने की सलाह दी, उन्हें अपनी गिरेबां में दोबारा झांकना चाहिए. याद रखिए कि जब हम क्रिकेट को वक्त के खांचे में बांटते हैं, तो ऐसे बेशुमार रिकॉर्ड निकलकर आते हैं, जो सिर्फ विराट के बूते की ही बात रही है. सुनील गावस्कर, विवियन रिचर्ड्स, सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, स्टीव वॉ ने अपने खेल के चरम पर रहकर भी वह मुकाम हासिल नहीं किया, जो विराट ने किया है. विराट के उस हासिल की बात अगली बार. आज बस इतना ही.
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Tags: Cricket, Cricket Records, Number Game, Rohit sharma, Virat Kohli
FIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 08:15 IST